कई ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट ऐसे सामना बेच रही हैं जिनका इस्तेमाल अपराध की दुनिया में धड़ल्ले से हो रहा है. कार चोरी करने के सामान से लेकर अपराध से बचने के लिए मोबाइल जैमर तक मिल रहे हैं. मोबाइल जैमर महज़ 10 हज़ार रुपए का है, लेकिन अपराधियों ने इसका प्रयोग कर न सिर्फ जमकर गाड़ियां चोरी कीं बल्कि वो पुलिस की नज़र में भी 1 साल तक धूल झोंकते रहे, फिर एक मुख़बिर की सूचना पर ये गैंग पकड़ा गया. पुलिस के मुताबिक पकड़े गए सुबोध यादव और विपिन कुमार वारदात के वक़्त अपने साथ मोबाइल जैमर लेकर चलते थे जिससे वारदात के वक़्त लोग पुलिस को न तो फ़ोन और मैसेज कर पाएं और न ही जांच के वक़्त पुलिस इनकी लोकेशन ट्रेस कर पाए.