बहुत कुछ कहा जा चुका है, जो नहीं कहा जा सकता है उसके मौके अभी और आएंगे और आए भी थे. आपने सबकुछ दिल्ली से देखा मगर देश के कई कस्बों में दुकानें बंद रहीं. लोगों ने अपना कारोबार बंद रखा. उन्हें अपनी तरह से याद किया. यह सब मीडिया में दर्ज नहीं हुआ मगर यह सब भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा की स्मृतियों का हिस्सा है. अटल बिहारी वाजपेयी की अब सिर्फ स्मृतियां ही हैं. उनकी अंतिम यात्रा पूरे मान सम्मान के साथ पूरी हुई. बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए हैं. प्रधानमंत्री मोदी खुद पैदल चल कर गए. पांच छह किमी पैदल चलते रहे. उनके सहयोगी लाल कृष्ण आडवाणी भी मौजूद थे. विपक्ष के नेता मनमोहन सिंह से लेकर राहुल गांधी मौजूद रहे. कई मुख्यमंत्री पैदल चल रहे थे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी मौजूद थे. अटल बिहारी वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता ने उन्हें मुखाग्नि दी. सबने हर तरह से उन्हें याद किया है.