सुपर 30 मैथमटिशियन आनंद कुमार के सूपर 30 एजुकेशनल प्रोग्राम से प्रेरित है जिसमें आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को IIT-JEE की तैयारी कराई जाती है, फ़िल्म में आनंद कुमार का संघर्ष और उनकी ज़िंदगी के झलकियां हैं, साथ ही फ़िल्म में संदेश है की जो क़ाबिल है उससे आगे बढ़ने का हक़ है फिर चाहे वो समाज के किसी भी तबके से आता हो, इस फ़िल्म का ध्येय दो डाइयलॉग्ज़ से साफ़ हो जाता है, पहला कि अब राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा बल्कि वो बनेगा जो हक़दार है. इसके बाद जब तक द्रोणाचार्य एकलव्य का अंगूठा मांगते रहेंगे तब तक अर्जुन ही सबसे बड़ा तीरंदाज़ रहेगा.