सुधीर मिश्रा की दास देव भी शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास 'देवदास' से प्रभावित है पर यहां सुधीर ने शेक्सपीयर के 'हैमलेट' को मिलाकर एक अलग जमीन तैयार की है. 'दास देव' की कहानी में देव नशे का दास है फिर चाहे वो ड्रग्स हो या शराब, पर वो एक ऐसे राजनैतिक परिवार से संबंध रखता है जिसके पास सत्ता की विरासत को संभालने वाला सिर्फ देव (राहुल भट्ट) है पर उसे नशा छोड़के इस जिम्मेदारी को संभालने के लायक बनना पड़ेगा. देव के राजनैतिक करियर को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं सहाय (दलीप ताहिल) और चांदनी (अदिती रॉय हैदरी) और पारो के अलावा चांदनी भी हैं देव के प्रेम में, लेकिन ये प्रेम कहानी उलझी है बहुत सारे राजनैतिक दांवपेंच में और ये उलझन आप फिल्म देखकर ही सुलझा सकते हैं.