नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही जामिया यूनिवर्सिटी की छात्राओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इस पूरी घटना में कई छात्राओं को गंभीर चोटें भी आईं. छात्राओं के अनुसार पुलिस उनके कैंपस में घुसी और उसने लाइब्रेरी में बैठे छात्रों की पिटाई शुरू कर दी. पिटाई से घायल हुई कुछ छात्राओं ने रवीश कुमार के प्राइम टाइम में उस रात हुई हिंसा की दास्तान साझा की. जामिया की एक छात्रा ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि जब बच्चों की पिटाई हुई तो मीडिया ने इसे ज्यादा दिखाया, लेकिन जब हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे तब मीडिया ने उसे नहीं दिखाया. एक अन्य छात्रा ने बताया कि हम उस दिन शांति से प्रदर्शन कर रहे थे इसी दौरान पुलिस ने हमपर लाठीचार्ज किया. मेरा सवाल सिर्फ इतना है कि जब जामिया या एएमयू की बात आती है तभी पुलिस बच्चों की ऐसी पिटाई क्यों करती है? मेरा मानना है कि पुलिस इन दो यूनिवर्सिटी को ही टारगेट करती है.