जबर्दस्त सर्दी, बारिश और जलभराव की स्थिति में भी किसान, विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की अपनी मांग को लेकर दिल्ली से लगी सीमाओं पर डटे हैं. सरकार और किसान संगठनों के बीच सोमवार को हुई सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी.किसान संगठनों के प्रतिनिधि इन कानूनों को पूरी तरह निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे जबकि सरकार कानूनों की ‘‘खामियों'' वाले बिन्दुओं या उनके अन्य विकल्पों पर चर्चा करना चाह रही थी. दोनों के बीच अब अगली बातचीत आठ जनवरी को होगी.