किसान आंदोलन (Farmers Protest) को खत्म कराने के लिए केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच आज ( 8 जनवरी) को आठवें दौर की बातचीत दोपहर दो बजे शुरू हुई. जिसमें 40 किसान नेताओं ने भाग लिया. किसान नेताओं और सरकार की बैठक में तीनों नए कृषि कानूनों को लेकर खूब चर्चा हुई. लेकिन किसान नेताओं की एक ही मांग थी कि कानूनों को रद्द कर दिया जाए. लेकिन सरकार ने नहीं माना. सरकार का कहना था कि वह आपसी बातचीत के जरिए आवश्यक संशोधन को लेकर तैयार है. लेकिन किसी कीमत पर तीनों कानून को खत्म नहीं किया जाएगा. वहीं किसानों का कहना है हमारी तरफ से कोई कड़ा रास्ता नहीं अपनाया जा रहा है. हम तो शुरू से कह रहे हैं कि यह तीनों कानून किसानों के हित में नहीं है. जब हमारी और सरकार के बीच पहली बैठक हुई तब उन्होंने स्वीकार भी किया कि हमारी बातें सही है. बावजूद सरकार हमारी बातों को नहीं मान रही है और किसानों के खिलाफ बयानबाजी करके हमें बदनाम कर रही है.