किसान आंदोलन के 37वां दिन यानी 1 जनवरी को काफी लोग सिंघू बॉर्डर पर पहुंच गए. यह लोग अलग अलग जगहों से आंदोलन कर रहे किसानों के साथ नया साल मनाने पहुंचे. अमूमन नए साल पर लोग कहीं घूमने जाते हैं, दोस्तों के साथ पार्टी मनाते हैं. लेकिन इस बार का नजारा कुछ इस तरह से भी दिख रहा है. हैरानी की बात यह है कि बड़ी तादाद में युवा लोग दोस्तों के साथ किसानों का साथ देने के लिए नये साल के मौके पर पहुंचे.
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