कृषि कानून के खिलाफ अपनी मांगों पर डटे किसान आज एक बार फिर बातचीत के लिए सरकार के सामने होंगे. वार्ता के लिए रवाना होने से पहले किसानों ने कहा कि उम्मीद है कि सरकार हमारी मांगों को सुनेगी और नया साल और लोहड़ी का त्योहार अपने घरों में मनाएंगे. किसान नेताओं ने कहा कि इस बार हम बहुत पॉजिटिव सोच के साथ जा रहे हैं. सरकार पहले इस आंदोलन को सिर्फ हरियाणा और पंजाब का मान रही थी लेकिन अब इसे समूचे भारत के किसानों की मांग मान रही है.
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