किसानों को आशंका है कि यदि कृषि कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा कमेटी का गठन हो जाता है तो उनकी मांग ठंडे बस्ते में चली जाएगी. पिछले 48 दिनों से जिस कारण वह सड़कों पर बैठे हैं, वह पूरा नहीं होगा. किसान नेता राजिंदर ने NDTV से बात करते हुए कहा कि वह सिर्फ कानून को रद्द करवाना चाहते हैं, उन्होंने बताया कि कोर्ट के सामने उनके वकील किस तरह की दलीलें पेश करेंगे.