मध्यप्रदेश के इंदौर में एक के बाद एक फर्जी ई वे बिल सामने आने लगे और इन बिलों की पड़ताल पर पता चला की कई फर्जी कंपनियां बनाकर आरोपियों ने करोड़ों की टैक्स चोरी की. वाणिज्यिक कर विभाग और सेंट्रल एक्साइज जीएसटी विभाग की संयुक्त कार्रवाई में अनुमान है कि आरोपी अबतक 1200 करोड़ तक का नकली ट्रांजेक्शन कर चुके हैं.