प्राइम टाइम इंट्रो : टिकट बंटवारे में जमकर चला परिवारवाद

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  • प्रकाशित: जनवरी 23, 2017
अब मतदाता को तय करना है कि वो चुनाव में सरकार चुने या उम्मीदवार चुने. उम्मीदवार चुनते वक्त दल-बदल, परिवारवाद का भी इलाज करे. वैसे मतदाता का काम उम्मीदवार चुनना होता है, सरकार चुनना उसका काम नहीं है. आप मतदाता ही बता सकेंगे कि राजनीति और राजनीतिक दल के भीतर प्रतिभाओं को कौन ज़्यादा रोक रहा है. पैसा या परिवारवाद.

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