नेशनल मेडिकल आयोग बिल के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टर बुधवार को एक दिन की हड़ताल पर हैं. डॉक्टर ओपीडी में नहीं बैठे हैं लेकिन इमरजेंसी सेवाएं जारी हैं. इस हड़ताल का ज़्यादा असर नहीं दिख रहा है. कुछ जगहों पर डॉक्टर अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे हैं. डॉक्टरों की मांग है कि बिल के सेक्शन 32 को हटाया जाए. ये बिल लोकसभा में पास हो चुका है. इस कानून के आते ही पूरे भारत के मेडिकल संस्थानों में दाखिले के लिए सिर्फ एक परीक्षा ली जाएगी. इस परीक्षा का नाम NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट) रखा गया है. डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार नहीं मानी तो वो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं. उनका कहना है कि अगर यह बिल कानून बन जाता है तो इससे गरीब परिवार के बच्चे कभी भी डॉक्टर नहीं बन सकेंगे. इससे इलाज की सुविधाएं भी बहुत ज्यादा महंगी हो जाएंगी और भविष्य में गरीबों का इलाज भी मुश्किल हो जाएगा.