इलाहाबाद हाइकोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक, क्रूर और महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करने वाला करार दिया. इसके साथ ही तीन तलाक़ की बहस फिर सतह पर आ गई है. एक पक्ष है जो इसे धार्मिक मामले में दखल के तौर पर देख रहा है तो दूसरे पक्ष का कहना है कि ये धर्म से नहीं बल्कि महिलाओं और मानवाधिकार से जुड़ा मसला है। सब कुछ सही होता तो बात बार-बार कोर्ट की चौखट तक नहीं पहुंचती.