'मनुष्य का सबसे अच्छा दोस्त' कहे जाने के बावजूद, लेकिन आखिरी वक्त में इन्हें अकेला छोड़ दिया जाता है. एक बार बूढ़े या विकलांग हो जाने पर, इन कुत्तों को मरने के लिए सड़कों पर यूं ही छोड़ दिया जाता है. अब ऐसे सैकड़ों कुत्तों को राजकोट के एक 'आश्रम' में नया घर मिल गया है. बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम के बारे में आमतौर पर सभी ने सुना है, लेकिन कुत्तों के लिए 'आश्रम' एक नई अवधारणा है.