मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी के दौरान 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, क्या वे लोग अपनों के दुख से साल भर के भीतर ही उबर गए होंगे. नोटबंदी के दो साल बाद उस दौरान मारे गए परिवारों के बारे में प्रधानमंत्री का शायद यह पहला बयान होगा. क्या प्रधानंत्री नोटबंदी के दौरान मारे गए किसी परिवार के घर गए थे, क्या उनका कोई मंत्री गया था जो लौटकर बता रहे हैं कि नोटबंदी के दौरान मरने वाला परिवार साल भर में संभल जाता है. हमारे सहयोगी सुशील महापात्रा दिल्ली के उत्तम नगर में रहने वाली वीणा देवी के यहां गए. 53 साल की वीणा देवी की मीडिया ने खूब रिपोर्ट बनाई थी, अब कोई नहीं जाता है. वीणा देवी के पति सब्ज़ी बेचते थे, नोटबंदी के दौरान नोट बदलवाने के लिए लाइन में लगे थे. दिल का दौरा पड़ा और मर गए.