स्पेशल मैरिजेस एक्ट (Special Marriage Act) में बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि शादी से एक महीने पहले नोटिस देना मौलिक अधिकारों का हनन है. हाईकोर्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा कि शादी से एक महीने पहले नोटिस देने की आवश्यकता नहीं है. अदालत ने ये आदेश एक हैबिस कार्प्स एक्ट (Habeas Corpus Act) के तहत सुनवाई करते हुए दिया. इस मामले में सफ़िया सुल्ताना नाम की एक मुस्लिम लड़की ने हिन्दू बनकर अपने दोस्त अभिषेक से शादी कर ली थी, लेकिन सफ़िया के पिता उसे उसके पति के साथ जाने से रोक रहे थे.