निजी अस्पतालों में हो रही मनमानी रोकने और पारदर्शिता बरकरार रखने को लेकर दिल्ली सरकार ने एक मसौदा तैयार कर लिया है. नौ सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार ने दवाईयों से लेकर सर्जरी तक के प्रॉफिट कैपिंग पॉलिसी को लेकर ड्राफ्ट एडवायजरी जारी की है. तीस दिनों तक लोगों से मिलने वाले सुझाव के बाद दिल्ली नर्सिंग होम्स रजिस्ट्रेशन एक्ट में संशेधन किया जाए. उम्मीद की जा रही है कि अब निजी अस्पतालों से लेकर नर्सिंग होम्स की मनमानी नहीं चल पाएगी. डॉक्टर जरूरी दवाओं की लिस्ट से बाहर अपनी मर्जी से दवाएं नहीं लिख पाएंगे. नर्सिंग होम अपने यहां की दवाएं खरीदने पर मजबूर नहीं कर पाएंग. अब तक प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम खास तौर पर सर्जरी का मनमानी बिल बनते आए हैं. इसमें अक्सर धोखाधड़ी की गुंजाइश रहती है. मरीजों का भरोसा अस्पतालों से उठता जा रहा है क्योंकि लगातार ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जब जरूरत से ज्यादा बिल मांगे गए, गलत इलाज किया गया, बिल बढ़ाचढ़ा कर बनाया गया. जब इस एक्ट में संशोधन कर दिया जाएगा उसके बाद मनमाना बिल बनाना आसान नहीं होगा. और अगर अस्पताल बाज ना आएं तो उनका लाइसेंस कैंसल हो सकता है.