जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता मसर्रत आलम कि रिहाई के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। सूत्रों के हवाले से एनडीटीवी को जानकारी मिली है कि मसर्रत आलम को रिहा करने का फ़ैसला मुफ़्ती मोहम्मद सईद की सरकार ने नहीं किया। यह फ़ैसला उनके सत्ता में आने से पहले 49 दिन तक रहे राज्यपाल के शासन के दौरान हो गया था।