राफेल विमान को लेकर फ्रांस से फिर एक ख़बर आई है. जिस मीडियापार्ट वेबसाइट ने 21 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद का एक बयान छापा था. जिसका ओलांद ने कभी खंडन नहीं किय. फ्रांस्वां के समय ही 10 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री ने राफेल का सौदा किया था. उस खबर के बाद 10 अक्तूबर को फिर एक खबर आई. इस बार मीडिया पार्ट ने दावा किया है कि उसके पास दसॉल्ट एविशेन के कुछ आंतरिक दस्तावेज़ हाथ लगे हैं, जिनसे पता चलता है कि अनिल अंबानी की कंपनी को साझीदार बनाने के लिए दबाव ही नहीं, बल्कि आदेश जैसा दिया गया था. मीडिया पार्ट को जो दस्तावेज़ हाथ लगे हैं.