सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद डीडीए ने मंदिर तोड़ा. इसे लेकर देश भर के रविदासी समाज में नाराज़गी फैल गई. बुधवार को दिल्ली में हज़ारों की संख्या में रविदासी समाज के लोग विरोध प्रदर्शन करने आए. करोलबाग के अंबेडकर भवन से लंबा मार्च निकला. मार्च जब रामलीला मैदान पहुंचा तो मैदान भर गया. दिल्ली के अलावा पंजाब में भी इस मुद्दे को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन हुआ है. इन सभी की मांग है कि रविदास मंदिर जहां पर था, वहीं पर बनाया जाए. डीडीए का दावा है कि मंदिर और उसका परिसर अवैध ज़मीन पर था. सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था कि तोड़ा जाए. कोर्ट में केस गुरु रविदास जयंति समारोह समिति ने किया था, डीडीए ने नहीं किया था. रविदास समाज के लोगों का कहना है कि 40 करोड़ लोगों की भावना उस मंदिर से जुड़ी थी और मंदिर उनका मुख्य तीर्थ जैसा था.