कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में लगातार बढ़ रही हैं. कच्चे तेल की कीमत 68 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है जो 2015 के बाद कच्चे तेल की सबसे ज़्यादा कीमत है. इससे सरकार का वित्तीय गणित बिगड़ने की आशंका बढ़ रही है साथ ही उद्योग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं.