चुनाव आयोग के मुताबिक पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में इलेक्शन कैंपेन के दौरान करीब 1760 करोड़ रुपये का ऐसा सामान पकड़ा गया है जो कि वर्जित है. यह 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले सात गुना ज्यादा है. यह साफ दर्शाता है कि चुनाव में मनी पावर और मसल पावर का इस्तेमाल बढ़ रहा है. इन चुनावों में बड़ी संख्या में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट दिए गए हैं. यह समस्या की एक बड़ी वजह है.पिछले साल भी छह राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पकड़े गए वर्जित सामान की कीमत 2017 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 11 गुना ज्यादा थी.