दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर डटे किसानों का कहना है कि कृषि कानूनों (Farm laws)को वापस लिए बिना वह वापस नहीं जाएंगे. किसान और केंद्र के बीच 18 दिनों से बने गतिरोध पर किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा का कहना है कि फैसला केंद्र सरकार को लेना है. गेंद उनके पाले में हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukta Kisan Morcha) ने कहा है कि किसान संगठन के भानु गुट का उनके आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है. भानु गुट (Bhanu Group) से जुड़े किसान दिल्ली-यूपी बॉर्डर (Delhi-UP Border) पर आंदोलन कर रहे थे, लेकिन सरकार से बातचीत के बाद उन्होंने रास्ता खोल दिया है.
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