पाकिस्तान में चीन के हितों के ख़िलाफ़ हमले काफ़ी बढ़ गए हैं। पाकिस्तान में नई सरकार आने के बाद बड़े हमलों की तादाद में काफ़ी बढ़ोत्तरी हुई है। 16 से 26 मार्च के बीच के 10 दिनों में ही पांच बड़े हमले हुए हैं। इनमें से 3 हमले ख़ैबरपख़्तूनख्वा और 2 बलोचिस्तान में हुए हैं। ये सभी पांचों हमले फिदायीन हमले थे और इनमें पांच चीनी नागरिकों के साथ साथ 12 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई है। हमले की जद में ग्वादर पोर्ट भी आया है जो चीन की मदद से तैयार किया गया है। इसके अलावा पाकिस्तानी नौसेना के अड्डे पर भी हमला हुआ जहां चीन का बड़ा निवेश बताया जा रहा है। इसके अलावा बेशाम शहर के नज़दीक चीन की मदद से तैयार किए जा रहे पनबिजली परियोजना पर भी हमला किया गया जहां चीन के इंजीनियर काम कर रहे थे। इन हमलों के पीछे बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी जैसे जो सैन्य गुट हैं वे बलोचिस्तान के संसाधनों को चीन के हाथों गिरवी रखे जाने का विरोध कर रहे हैं। वे पाकिस्तान से अलग होने की भी मांग करते रहे हैं।