बाल यौन शोषण एक राष्ट्रीय आपदा है. हर घंटे में 5 बच्चों का यौन उत्पीड़न होता है. यह केवल एक संख्या नहीं है बल्कि मेरे और आपके बच्चे हैं. इंसाफ में देरी और मानसिक स्वास्थ्य की सुविधाएं या मुआवजा न मिल पाने से उनका बचपन छीन रहा है. बहुत से बच्चे स्कूल छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं. परिवार उजड़ जाते हैं. वहीं, दूसरी तरफ ज्यादातर मामलों में दोषी बेखौफ घूमते रहते हैं.