छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर में एक के बाद एक पत्रकारों की गिरफ़्तारी से पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या नक्सलियों की आड़ में छत्तीसगढ़ सरकार प्रेस और सिविल सोसायटी की आवाज़ दबाना चाहती है। इस बीच स्थानीय पुलिस के साथ बेहद क़रीबी तालमेल से काम कर रहे संगठन का ख़ौफ़ हर रोज़ बढ़ रहा।