छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में कई निर्दोष आदिवासियों को पुलिस नक्सली बताकर जेल में डाल देती है। आंकड़े बताते हैं कि नक्सल आरोपों में गिरफ्तार किए गए 90 फ़ीसदी लोग निचली अदालतों में ही बेकसूर साबित हो जाते हैं, लेकिन जब तक ये लोग जेल से बाहर आते हैं, उनकी ज़िंदगी का बड़ा हिस्सा बर्बाद हो चुका होता है।