पिछले महीने नागरिकता क़ानून के विरोध में जामा मस्जिक के पास प्रदर्शन के दौरान गिरफ़्तार किए गए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर की ज़मानत अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि विरोध करना किसी का संवैधानिक अधिकार है. चंद्रशेखर को लेकर पुलिस के आरोपों की धज्जियां उड़ाते हुए तीस हज़ारी कोर्ट के एक जज ने कहा- आप इस तरह पेश आ रहे हैं. जैसे जामा मस्जिद पाकिस्तान में है. अगर ये पाकिस्तान में भी होती तो आप वहां जाकर विरोध प्रदर्शन कर सकते थे. पाकिस्तान अविभाजित भारत का हिस्सा था.'