इस साल दिसंबर में होने वाले हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले जातिगत राजनीति सिर चढ़ कर बोलने लगी है. बात हो रही है मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में सवर्णों के उस आंदोलन की जिसके विरोध के चलते कई मंत्रियों, सांसदों की घेरेबंदी हो रही है और उन्हें आंदोलनकारियों से बचाने के लिए पीछे के दरवाजों से निकाला जा रहा है. कल देर रात सीधी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की एक सभा में उन पर चप्पलें भी फेंक दी गईं. दरअसल, पूरा मामला अनुसूचित जाति तथा जनजाति अत्याचार निवारण कानून को लेकर शुरू हुआ है.