अगर पीके की पार्टी जनसुराज (Jan Suraaj Party) को 10% वोट मिलते हैं और इनमें से 5% महागठबंधन से झटकते हैं, तो NDA को करीब 42% वोट शेयर और महागठबंधन को 34% वोट मिल सकते हैं। लेकिन अगर यही 5% वोट NDA से कटे, तो महागठबंधन आगे निकल सकता है। 2020 के विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2020) में NDA को 37.26% वोट मिले थे, जबकि महागठबंधन को 37.23% वोट मिले थे — यानी जरा-सा फर्क भी किसी का खेल बना या बिगाड़ सकता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) भले ही खुद सत्ता में न आएं, लेकिन उनकी पार्टी जनसुराज (Jan Suraaj) इस बार चुनाव में किंगमेकर (Kingmaker) की भूमिका निभा सकती है। क्या वाकई पीके फैक्टर (PK Factor) 2025 के चुनाव का सबसे बड़ा गेम चेंजर साबित होगा? देखिए पूरी रिपोर्ट…