24 साल के शिंदे पर बदलापुर के एक स्कूल की चार साल की दो बच्चियों पर यौन हमले का आरोप लगा... उसे 17 अगस्त को गिरफ़्तार किया गया... 23 सितंबर को जब उसे पुलिस वैन में तलोजा सेंट्रल जेल से ठाणे क्राइम ब्रांच ले जाया जा रहा था तो कथित मुठभेड़ में उसकी मौत हो गई... लेकिन अक्षय शिंदे के परिवार ने इसे फ़र्ज़ी मुठभेड़ बताते हुए बॉम्बे हाइकोर्ट में चुनौती दी और आज इस मामले की सुनवाई हुई... बॉम्बे हाइकोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने डेढ़ से पौने दो घंटे तक सुनवाई में पुलिस से कई सख़्त सवाल पूछे जिनसे पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है.