सुप्रीम कोर्ट ने 1993 से आवंटित किए गए 218 कोयला ब्लॉकों में से 214 के आवंटन रद्द कर दिए। कोर्ट ने इस फैसले से कंपनियों को सरकार के राजस्व के नुकसान की भरपाई करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कैग के इस निष्कर्ष को स्वीकार किया कि इन ब्लॉकों में उत्पादन चालू नहीं होने के कारण 295 रुपये प्रति टन की दर से राजस्व का नुकसान हुआ।