राम मंदिर जमीन विवाद आजाद हिंदुस्तान के सबसे पेचीदा अदालती मुकदमों में से एक है. कई दशकों से निचली अदालतों से होते हुए यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच पर आया, जहां इस पर फैसला दिया गया लेकिन सभी पक्षकारों ने इसे नामंजूर कर दिया और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट में यह मामला चल रहा है, उच्चतम न्यायालय के द्वारा सुझाए गए एक मध्यस्थता पैनल ने इस पर पक्षकारों से बात की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की रोजाना सुनवाई शुरू हो गई है. इस बीच कोर्ट ने फिर कहा है कि अगर मध्यस्थता की कोई गुंजाइश हो तो उस पर विचार किया जाना चाहिए. कोर्ट 18 अक्टूबर तक सुनवाई खत्म करने वाला है और 17 नवंबर से पहले फैसला आने की उम्मीद है.