'पहरा कोई काम न आया, रसघट रीत चला, जीवन बीत चला...'
प्रकाशित: अगस्त 16, 2018 05:57 PM IST | अवधि: 1:16
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अटल विहारी वाजपेयी जी ने राजनीति में रहते हुए भी अपने जीवन के मानवीय पक्षों को अपने से कभी भी दूर नहीं किया. वे बहुत ही प्रभावशाली व्यक्तित्व के प्रगति प्रवर्तक राजनेता ही नहीं है, बल्कि एक नेक इंसान और एक महान कवि भी हैं. अपने प्रसिद्ध रचना 'हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा', 'काल के कपाल पर लिखता ही जाता हूं', जैसी कविताओं से सभी के ह्रदय को जीतने वाले एक महान रत्न के जीवन के कुछ कविताओं को पढतें हैं.