17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की. इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए. हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं. इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं. नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया. इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं. नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं. सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा. लेकिन ये पॉलिसी अब सरकार के ही गले ही हड्डी बन गई.
सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी. जिस L-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को 5 करोड़ रुपये चुकाने पड़े. इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई. नई नीति में कहा गया था कि दिल्ली में शराब की कुल दुकाने पहले की तरह 850 ही रहेंगी. दिल्ली की नई शराब बिक्री नीति के तहत, शराब की होम डिलीवरी और दुकानों को सुबह 3 बजे तक खुले रहने की परमिशन दी गई है. लाइसेंसधारी शराब पर असीमित छूट भी दे सकते हैं.