रिटायर्ड लेफ़्टिनेंट जनरल ज़मीरुद्दीन शाह की किताब 'द सरकारी मुसलमान' 13 तारीख को लॉन्च हो रही है. इस किताब के लॉन्च से पहले ही इसकी काफी चर्चा है. ज़मीरुद्दीन शाह ने अपनी किताब 'द सरकारी मुसलमान' में लिखा है कि 2002 के गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद पहुंची सेना को दंगा प्रभावित इलाक़ों में जाने के लिए पूरे एक दिन का इंतज़ार करना पड़ा था, अगर उन्हें ट्रांसपोर्ट की सुविधा तुरंत मिल जाती तो सेना कुछ और जानें बचा पाती.