महाराष्ट्र के निकाय चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन पार्टी के लिए उत्साहजनक तो है ही और विरोधियों के लिए संकेत भी. अगर नोटबंदी का असर नहीं है तो इन चुनावों में विरोधी क्यों हारे, इसका मूल्यांकन तो उन्हें करना ही चाहिए और बीजेपी की जीत को स्वीकार भी करना चाहिए क्योंकि ये मतदान नोटबंदी के 16 दिन बीत जाने के बाद 27 नवंबर को हुए हैं.