देश में हर बच्चे को शिक्षा का मौलिक अधिकार है. यानी छह से चौदह साल के बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करना राज्य की जिम्मेदारी है. प्राइवेट स्कूलों में भी पच्चीस फीसदी सीटें आर्थिक तौर पर कमजोर बच्चों के लिए इस अधिकार के तहत आरक्षित करने का प्रावधान भी है, लेकिन राजस्थान में ये अधिकार बच्चों को नहीं मिल रहा.