इस बात से निराश होने की ज़रूरत नही है कि एक औसत करदाता को अपने सांसद की संपत्ति के बराबर पहुंचने में 346 साल लग जाएंगे. बल्कि सवाल यह होना चाहिए कि औसत करदाता को ऐसी मेहनत ही क्यों करनी चाहिए जिसका रिज़ल्ट 346 साल बाद आने वाला हो. काम वो कीजिए जो आप अपनी ज़िंदगी में देख सकें. इसलिए बिजनेस स्टैंडर्ड की इस रिपोर्ट से हताश होने की ज़रूरत नहीं है कि हमारे सांसद औसत करदाताओं से संपत्ति और आमदनी के मामले में आगे हैं. 2014 में यही सांसद औसत करदाता से 299 साल आगे थे. अब इसमें 45 साल ही तो जुड़े हैं. क्या फर्क पड़ता है. सांसद की संपत्ति तक पहुंचने में 346 साल लगाने से अच्छा है आप पांच साल लगाकर सांसद बन जाइये. क्या पता तब कुछ हो जाए.