मध्यप्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है. 1-1 पद के लिये हजारों उम्मीदवार कतार में हैं, कई परीक्षाएं रद्द हो रही हैं. सरकार हर साल 1 लाख पद भरने का दावा करती है. एक बार फिर यही दुहराया जा रहा है. वहीं राज्य के रोजगार कार्यालयों को चलाने में तो करोड़ों खर्च हो रहे हैं लेकिन वहां से बेरोजगारों को सिर्फ निराशा मिल रही है.