यूट्यूब पर लोकल क्रिएटर्स सालाना अनुमानित रूप से देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6,800 करोड़ रुपये का योगदान दे रहे हैं और इस प्रक्रिया में 7 लाख नौकरियां पैदा कर रहे हैं. यह दावा है नील मोहन का, जोकि YouTube और Google के SVP के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर हैं.