जब से योगेश त्रिपाठी एण्डटीवी के 'हप्पू की उलटन पलटन' शो में परदे पर दारोगा हप्पू सिंह बने हैं, उन्होंने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. पूरे देश में जिस तरह से उनके फैन्स उनके काम की तारीफ कर रहे हैं, उनकी लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है, उनके किरदार हप्पू सिंह का अपीयरेंस, तोंदिल पेट, तेल से चुपड़े हुये बाल, नुकीली मूंछें, होंठों पर पान की लाली और 'न्योछावर कर दो' का उनका तकियाकलाम. दर्शकों का सारा ध्यान उनकी मूंछों पर ही रहता है और उनकी मूंछों के चर्चे आम हैं. कुछ तो तारीफ में यहां तक कहते हैं, 'मूंछें हों तो दरोगा हप्पू सिंह जैसी हों.' धारदार नुकीली मूंछें. दर्शकों के अलावा योगेश के बेटे दिशू को भी हप्पू सिंह की मूंछों से बड़ा प्यार है, इसलिये हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने पापा की तरह अपना लुक बनाने की कोशिश की. सबसे दिलचस्प बात है कि दरोगा हप्पू सिंह यानी योगेश त्रिपाठी को अपना किरदार और अपनी मूंछें बेहद पसंद है. यहां तक कि उनके पास हिन्दी सिनेमा के मूंछों की स्टाइल वाली एक फेवरेट लिस्ट भी है, बस एक अपवाद को छोड़कर.
'मूंछें हों तो नत्थू लाल जैसी हो, वरना ना हो'
कुछ अलग हटकर और मजेदार सी मूंछें रखने वाले ये लीजेंडरी कॉमेडियन-एक्टर कोई और नहीं, बल्कि मुकरी थे. बेमिसाल फिल्म 'शराबी' में मुकरी ने अपनी कॉमेडी और काली-घनी मूंछों से लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा था. मूंछों का यह अनूठा स्टाइल हमारे पॉप कल्चर का हिस्सा बन गया. जब कभी भी हमें ऐसी मूंछें नजर आती हैं तो हमें अपने आप ही नत्थू लाल की मूंछें याद आ जाती हैं. इसलिये तो यह डायलॉग बना...मूंछें हों तो नत्थू लाल जैसी, वरना ना हो.'