ये हैं टीवी के नेशनल दामाद, जब ऑनस्क्रीन हुई थी मौत तो फूट-फूट कर रोने लगे थे लोग, खून से लिखने लगे थे खत

टेलीविजन की बहुओं की पॉपुलैरिटी तो आपने खूब देखी होगी कि घर-घर में उन्हें बहू या बेटी के नाम से जाना जाता है, लेकिन क्या आप टेलीविजन के दामाद से मिले हैं?

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नई दिल्ली:

टेलीविजन इंडस्ट्री में कई कलाकार ऐसे हैं, जिन्होंने सालों तक इंडस्ट्री में नाम कमाने के लिए चप्पल तक घिसी और कई सालों बाद जब उन्हें मौका मिला तब उन्होंने अपनी एक्टिंग और शानदार परफॉर्मेंस से लोगों के दिलों में जगह बना ली. उन्हीं में से एक्टर को तो नेशनल दामाद तक कहा जाने लगा. जी हां, हम बात कर रहे हैं एकता कपूर के फेमस शो क्योंकि सास भी कभी बहू थी में मिहिर वीरानी की भूमिका निभाने वाले एक्टर अमर उपाध्याय की, जिन्होंने पहले तो टीवी इंडस्ट्री में आने के लिए बहुत स्ट्रगल किया लेकिन जब वो  स्क्रीन पर आए तो उन्होंने अपने किरदार का ऐसा जादू चलाया की ऑन स्क्रीन उनकी मौत पर लोग फूट-फूट कर रोने लगे थे.

इस एक्टर की मौत पर लोगों ने बहाए थे आंसू 

क्योंकि सास भी कभी बहू थी में मिहिर वीरानी का किरदार निभाने वाले अमर उपाध्याय ने इंटरव्यू के दौरान बताया था कि सीरियल के 125 वें एपिसोड में मिहिर की मौत हो गई थी, तो बालाजी टेलीफिल्म के ऑफिस में धड़ल्ले से फोन आने लगे थे और बहुत से लोग परेशान थे कि आखिर मिहिर को क्यों मार दिया गया. मिहिर के मरने पर अनिल कपूर की पत्नी सुनीता कपूर और दलेर मेहंदी की वाइफ तक परेशान थीं और फोन करके उन्होंने एकता कपूर से सवाल तक किया था कि आखिर मिहिर वीरानी को क्यों मार दिया गया.

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लोगों ने भेजे थे खून के खत

ऑनस्क्रीन जब मिहिर वीरानी की मौत हुई तो पूरे देश की जनता भी गमगीन हो गई थी. इतना ही नहीं एक्टर अमर उपाध्याय ने बताया था कि जब उनके किरदार की मौत हुई तो फैंस ने खून से लिखे खत भी उन्हें भेजे थे. ऐसा क्रेज उन्होंने आज तक किसी सेलिब्रिटी का नहीं देखा था, हालांकि इसका फायदा क्योंकि सास भी कभी बहू थी के मेकर्स को मिला और शो की टीआरपी तेजी से बढ़ने लगी थी.

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ऐसा रहा अमर उपाध्याय का टेलीविजन करियर 

अमर उपाध्याय का जन्म 1 अगस्त 1976 को अहमदाबाद गुजरात में हुआ. एक्टिंग करियर में आने से पहले अमर ने केमिकल इंजीनियरिंग की. हालांकि, उनका मन हमेशा से एक्टिंग में था इसलिए 10 साल तक वह स्ट्रगल करते रहे. 1993 में टीवी सीरियल देख भाई देख से अपने करियर की शुरुआत करने वाले अमर उपाध्याय को शुरुआत में सक्सेस नहीं मिली. उन्होंने 1998 में बॉलीवुड फिल्म ढूंढते रह जाओगे में भी काम किया था, लेकिन उनके करियर को बड़ा ब्रेक नहीं मिला. फिर एकता कपूर के शो क्योंकि सास भी कभी बहू थी में मिहिर वीरानी का रोल निभाने के लिए उन्होंने 100 लड़कों के साथ ऑडिशन दिया और उन्हें मिहिर वीरानी का आईकॉनिक रोल मिला.

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