कैसे एकता कपूर ने बदल दी थी स्मृति ईरानी की किस्मत, कभी 1800 रुपये महीने पर मैकडॉनल्ड्स में करती थीं काम

टीवी का चर्चित रियलिटी शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' एक बार फिर से पर्दे पर लौटने वाला है. इस शो में टीवी की मशहूर एक्ट्रेस और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपना एक्टिंग कमबैक कर रही हैं.

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स्मृति ईरानी ने मैकडॉनल्ड्स में 1800 रुपये मासिक की नौकरी
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  • टीवी शो क्योंकि सास भी कभी बहू थी में स्मृति ईरानी ने तुलसी विरानी की भूमिका निभाकर अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी.
  • स्मृति ईरानी ने मैकडॉनल्ड्स आउटलेट में सफाई कर्मचारी के रूप में काम किया था, जहां उनकी मासिक आय 1800 रुपये थी.
  • निर्माता एकता कपूर ने स्मृति को एक छोटी भूमिका के लिए बुलाया था, लेकिन ज्योतिषी की सलाह पर उन्हें मुख्य किरदार तुलसी का मौका मिला.
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नई दिल्ली:

टीवी का चर्चित रियलिटी शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' एक बार फिर से पर्दे पर लौटने वाला है. इस शो में टीवी की मशहूर एक्ट्रेस और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी अपना एक्टिंग कमबैक कर रही हैं. 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में लीड हीरोइन रही हैं. एक्टिंग की दुनिया में कदम रखना स्मृति ईरानी के लिए आसान नहीं था. यह बात वह अपने कई इंटरव्यू में बोल चुकी हैं. एक बार स्मृति ईरानी ने बताया कि कैसे वह भारत के पहले मैकडॉनल्ड्स आउटलेट में सफाई कर्मचारी के रूप में 1800 रुपये मासिक वेतन पर काम करती थीं. इसी दौरान उनकी मुलाकात निर्माता एकता कपूर से हुई, जिन्होंने उन्हें लोकप्रिय सीरियल क्योंकि सास भी कभी बहू थी में तुलसी विरानी की प्रतिष्ठित भूमिका दी.

स्मृति ने बताया कि वह एकता के ऑफिस में एक छोटी भूमिका के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर करने गई थीं. वहां मौजूद एक ज्योतिषी, जनार्दन ने उन्हें देखकर एकता को सलाह दी कि स्मृति देश में बड़ा नाम बनेंगी. एकता ने तुरंत उनका अनुबंध देखा और उसे फाड़कर नया अनुबंध बनाया. स्मृति ने कहा, "मैं उस समय 1200-1300 रुपये प्रतिदिन के अनुबंध पर थी. मैकडॉनल्ड्स में मुझे पूरे महीने के लिए 1800 रुपये मिलते थे. एकता ने मुझे तुलसी का किरदार दिया और मेरी रोजाना की इनकम 1800 रुपये कर दी. यह मेरे लिए लॉटरी जीतने जैसा था."

23 साल की उम्र में आर्थिक तंगी से जूझ रही स्मृति के लिए यह अवसर जीवन बदलने वाला साबित हुआ. 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' ने 2000 से 2008 तक भारतीय टेलीविजन पर राज किया और स्मृति को घर-घर में तुलसी के रूप में पहचान दिलाई. इस सीरियल ने न केवल उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि भारतीय टेलीविजन में सास-बहू ड्रामे को एक नया आयाम भी दिया. स्मृति ने बाद में अभिनय छोड़कर राजनीति में कदम रखा और वर्तमान में वह भारतीय जनता पार्टी की प्रमुख नेता हैं. उनकी यह कहानी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है कि कठिन परिश्रम और अवसरों का सही उपयोग कैसे जीवन को बदल सकता है.
 

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