रानी मुखर्जी की ये फिल्म देख छलक जाएंगे आपकी आंखों से भी आंसू, अब टीवी पर देख सकेंगे फिल्म

'मिसेज़ चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' सच्ची घटनाओं से प्रेरित एक मनोरंजक कहानी है, जिसमें रानी मुखर्जी, जिम सर्भ, नीना गुप्ता और अनिर्बन भट्टाचार्य मुख्य भूमिकाओं में हैं. यह फिल्म देबिका चटर्जी पर आधारित है, जो एक भारतीय अप्रवासी (एनआरआई) है.

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इंसाफ के लिए रानी मुखर्जी की रोमांचक लड़ाई
नई दिल्ली:

इस शनिवार, एंड पिक्चर्स अपने दर्शकों के लिए एक दमदार फीचर फिल्म लेकर आ रहा है, जो ऐसी घटनाओं की गहराई में झांकती है, जो आपके दिल को झकझोर कर रख देंगी और आपका नजरिया बदल देंगी. 'मिसेज़ चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' का प्रीमियर शनिवार, 27 जुलाई को सुबह 11:30 बजे, खासतौर पर एंड पिक्चर्स पर होने जा रहा है. 'मिसेज़ चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' सच्ची घटनाओं से प्रेरित एक मनोरंजक कहानी है, जिसमें रानी मुखर्जी, जिम सर्भ, नीना गुप्ता और अनिर्बन भट्टाचार्य मुख्य भूमिकाओं में हैं. यह फिल्म देबिका चटर्जी पर आधारित है, जो एक भारतीय अप्रवासी (एनआरआई) है. 

वह अपने बच्चों को वापस पाने के लिए नॉर्वे के अधिकारियों से लड़ती है, जिन्हें विवादास्पद परिस्थितियों में उनसे छीन लिया गया था. देबिका पर नॉर्वे के कानून के हिसाब से गलत तरीकों से परवरिश करने का आरोप लगाया जाता है, जिसके बाद शुरू होता है इंसाफ और ममता की खोज का उनका दिल छू लेने वाला सफर. ऐसे में दर्शक अपनी सीटों से बंध जाएँगे और हर मोड़ पर उनके मन में यही सवाल होगा कि देबिका अपने खिलाफ खड़ी व्यवस्था से कैसे निपटेगी? यह फिल्म एक माँ की ममता और कानून को लेकर बनी धारणाओं को चुनौती देती है, जिससे दर्शक भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं और इस दमदार कहानी का अंत देखने के लिए उत्सुक हो जाते हैं.

मिसेज़ चटर्जी वर्सेस नॉर्वे की दिल दहला देने वाली कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है, जो विदेशों में भारतीय प्रवासियों द्वारा झेले जाने वाले सांस्कृतिक और कानूनी संघर्षों को उजागर करती है. यह फिल्म नौकरशाही के खिलाफ देबिका की जबरदस्त लड़ाई और अपने बच्चों को वापस पाने के उसके अटूट इरादों को बड़े असरदार ढंग से सामने लाती है. इसमें देबिका का किरदार निभाने वालीं रानी मुखर्जी हर मुश्किल से लड़ने वाली एक माँ की भावनात्मक गहराई और उलझनों को सामने लेकर आई हैं, जिसमें उनकी बेमिसाल एक्टिंग स्किल्स दिखी हैं.

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एक्ट्रेस रानी मुखर्जी, जिनकी बेहद सराही गई हिट फिल्म ‘मिसेज़ चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' का प्रीमियर एंड पिक्चर्स पर होने जा रहा है, ने कहा, “मेरे लिए, ‘मिसेज़ चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' सिर्फ एक फिल्म नहीं है; यह एक शानदार सफर है, जो एक माँ के प्यार की असीम शक्ति को दर्शाता है. अपने बच्चों को वापस पाने के लिए देबिका का संघर्ष दिखाना चुनौतीपूर्ण होने के साथ-साथ संतुष्टि देने वाला भी था. यह कहानी मेरे लिए निजी तौर पर बहुत महत्वपूर्ण रही और मुझे लगा कि यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उस भावनात्मक उथल-पुथल को पूरी विश्वसनीयता के साथ दिखाऊँ, जो उस माँ ने झेली. मुझे इस फिल्म पर गर्व है, क्योंकि इसने महत्वपूर्ण मुद्दों पर रोशनी डाली है. अब, मैं इस फिल्म के एंड पिक्चर्स प्रीमियर का बेसब्री से इंतजार कर रही हूँ. उम्मीद है कि यह दर्शकों को पसंद आएगी और देबिका के जैसे परिवारों की बेहद कठिन परिस्थितियों के बारे में जागरूकता लाएगी.”

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फिल्म की निर्देशक आशिमा छिब्बर ने कहा, "मिसेज़ चटर्जी वर्सेस नॉर्वे बनाना मेरे लिए एक बेहद निजी और मुकम्मल सफर था. यह फिल्म उस अन्याय पर रोशनी डालती है, जिसका सामना असल जिंदगी में देबिका चटर्जी ने किया था. उनकी कहानी ने मुझे गहराई से प्रभावित किया. इस दिल छू लेने वाली कहानी के जरिए माता-पिता के अधिकारों और सांस्कृतिक गलतफहमियों के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करना जरूरी था. रानी मुखर्जी द्वारा निभाया गया देबिका का किरदार वाकई असरदार और दिल छू लेने वाला है, जिसमें सभी मुश्किलों के खिलाफ लड़ने वाली एक माँ की ताकत और हौसला दिखाया गया है. इस रोल के प्रति उनकी लगन और सच्ची भावनाओं को व्यक्त करने की काबिलियत ने इस फिल्म को इंसानी जज्बातों की सच्ची मिसाल बना दिया. मैं पिक्चर्स पर इस फिल्म के प्रीमियर को लेकर बेहद उत्साहित हूँ, जहाँ ज्यादा से ज्यादा दर्शकों को देबिका के दिल छू लेने वाले सफर में गहराई से उतरने और उसे समझने का मौका मिलेगा." 

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जिम सर्भ ने कहा, "मिसेज़ चटर्जी वर्सेस नॉर्वे में डेनियल सिंह सियुपेक की भूमिका कुछ ऐसी थी, जिसके लिए जटिल कानूनी और सांस्कृतिक समझ की जरूरत थी. एक एक्टर के रूप में, मुझे ऐसी भूमिकाएं निभाना पसंद हैं, जो पारंपरिक कहानियों को चुनौती देती हैं और विचारों को बढ़ावा देती हैं. डेनियल के किरदार ने मुझे इस बात की बारीकियों को जानने का मौका दिया कि कैसे अंतर्राष्ट्रीय कानून और सांस्कृतिक अंतर किस तरह असल जिंदगी के मामलों को प्रभावित करते हैं. न्याय, मानवाधिकार और गोद लेने के बारे में महत्वपूर्ण सवाल उठाने वाली इस फिल्म का हिस्सा बनना अपने आप में खास है. मुझे उम्मीद है कि डेनियल का नजरिया दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देगा और उन्हें यह फिल्म मुकम्मल लगेगी."

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