एंटरटेनमेंट के अलावा सीख भी देते थे 90 के दशक में दूरदर्शन पर आने वाले सीरियल, शक्तिमान को तो हर हफ्ते बच्चे बोले थे ‘सॉरी’

शक्तिमान शो के लिए अगर ये कहें कि ये छोटे पर्दे का पहला सुपरहीरो बेस्ड सीरियल था तो कुछ गलत नहीं होगा. जिसमें हवा में हाथ उठाकर गोल घूमते हुए शक्तिमान एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाता था.

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नई दिल्ली:

कितने ही प्रायवेट चैनल्स आ जाएं या ओटीटी प्लेटफॉर्म बन जाएं. लेकिन दूरदर्शन के दौर का मुकाबला बिलकुल ही आसान नहीं है. इस दौर में टीवी स्क्रीन पर नजर आने वाले सीरियल्स की बात ही कुछ और होती थी. साफ सुथरे से सीरियल. जिसमें न के बराबर इफेक्ट्स होते थे. चकरा देने वाला संगीत भी नदारद होता था. और एक सरसराते हुए म्यूजिक के साथ रिपीट पर एक ही एक्सप्रेशन दिखाने वाला तो कोई सीक्वेंस होता ही नहीं था. इसके बावजूद वो शोज खासे इंगेजिंग हुआ करते थे. खासतौर से शक्तिमान जो हर एपिसोड के साथ बच्चों को एंटरटेन करने के साथ ही कुछ सीख भी देता था.  

ऐसा था सीरियल

शक्तिमान शो के लिए अगर ये कहें कि ये छोटे पर्दे का पहला सुपरहीरो बेस्ड सीरियल था तो कुछ गलत नहीं होगा. जिसमें हवा में हाथ उठाकर गोल घूमते हुए शक्तिमान एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाता था. कोशिश होती थी सिर्फ एक की बुरी शक्तियों से दुनिया को बचा कर रख सकें. उस दौर के बच्चों का ये फेवरेट सीरियल हुआ करता था. जिसमें मुकेश खन्ना गंगाधर और शक्तिमान दोनों के रोल में दिखते थे. गंगाधर उस केरेक्टर का नाम हुआ करता था जो थोड़ा सीधा सा लड़का है. यही लड़का जब लाल सूट पहनकर गोल घूमता था तो उसमें शक्तिमान की ताकत आ जाती थी.

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ऐसे सीख देता था शक्तिमान

इंस्टाग्राम पर दूरदर्शन की यादें नाम के इंस्टाग्राम हैंडल ने एक वीडियो शेयर किया है. जिसमें दो बच्चे आपस में गेट पर झूलते हुए बात करते नजर आ रहे हैं. एक बच्चा दूसरे से कहता है कि मैंने किसी से मदद मांगी पर उसने मदद नहीं की. दूसरा बच्चा कहता है कि हां यार आजकल कोई किसी की मदद नहीं करता. इसी बीच एक शख्स उनके पास आकर पता पूछता है और बच्चे मना कर देते हैं. इसके बाद स्क्रीन पर शक्तिमान आता है और बच्चों को दूसरों की मदद की सीख देता है. जिसे सुनकर बच्चों को अपनी गलती का अहसास होता है और वो कहते हैं सॉरी शक्तिमान.

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