हिंदी टेलीविजन और फिल्म जगत के दिग्गज अभिनेता सतीश शाह आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा हैं उनकी यादगार भूमिकाओं में सबसे ऊपर आता है दूरदर्शन का क्लासिक सीरियल ‘ये जो है जिंदगी. 1984 में प्रसारित इस धारावाहिक ने ना सिर्फ भारतीय टीवी को नई दिशा दी, बल्कि सतीश शाह को घर-घर का चहेता बना दिया. खास यह कि एक ही सीरियल में उन्होंने 55 अलग-अलग किरदार निभाए, जो आज भी एक रिकॉर्ड है. ‘ये जो है जिंदगी' के डायरेक्टर कुंदन शाह थे, और मुख्य भूमिका शफी ईनामदार, स्वरूप संपत, राकेश बेदी, सतीश शाह और सुलभा आर्य लीड रोल में थे.
‘ये जो है जिंदगी' सीरियल की जान सतीश शाह थे हर एपिसोड में वे अलग-अलग मेहमान किरदारों में नजर आते. कभी डॉक्टर, कभी वकील, कभी पड़ोसी, तो कभी रिश्तेदार. उनकी कॉमिक टाइमिंग और एक्सप्रेशंस ने दर्शकों को हंसाते-हंसाते लोटपोट कर दिया. कुल 67 एपिसोड्स में से ज्यादातर में सतीश शाह के अलग-अलग रोल थे, जो कुल 55 तक पहुंच गए.
सीरियल का सबसे फेमस डायलॉग था, “थर्टी ईयर्स का एक्सपीरियंस है.” यह लाइन सतीश शाह के एक किरदार ने कही थी, जो खुद को एक्सपर्ट बताते हुए आता है. यह डायलॉग इतना पॉपुलर हुआ कि आज भी मीम्स और रोजमर्रा की बातों में इस्तेमाल होता है. आईएमडीबी के मुताबिक इस डायलॉग के क्रिएटर खुद सतीश शाह ही थे. इस शो के जरिये उन्होंने कॉमेडी की दुनिया में कदम रखा था और फिर कॉमेडी एक्टर के तौर पर उनकी पहचान बनी.
‘साराभाई वर्सेज साराभाई' में किरदार निभाकर वे घर-घर मशहूर हुए. सतीश शाह का सफर 1980 के दशक से शुरू हुआ. ‘जाने भी दो यारो' (1983) में म्युनिसिपल कमिश्नर डी'मेलो का किरदार और ‘ये जो है जिंदगी' (1984) में 55 अलग-अलग भूमिकाएं निभाकर उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. ‘मैं हूं ना', ‘कल हो ना हो', ‘फना' और ‘ओम शांति ओम' जैसी फिल्मों में उनके संवाद आज भी हंसाते हैं. सतीश शाह का 25 अक्तूबर को निधन हो गया.