दूरदर्शन का 37 साल पुराना शो, जिसके डायरेक्टर को मिलती थी जान से मारने की धमकी, हाईकोर्ट ने कर दिया था बैन

37 year old Doordarshan show : दूरदर्शन पर टेलीकास्ट हुए ऐसे सीरियल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिस पर हाईकोर्ट ने बैन लगा दिया था और डायरेक्टर को जान से मारने की धमकी मिलने लगी थी. आइए जानते हैं, इसका नाम.

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37 year old Doordarshan show: 37 साल पहले पॉपुलर था दूरदर्शन का ये शो
नई दिल्ली:

अस्सी के दशक के अंत से लेकर नब्बे के दशक तक दूरदर्शन पर एक से बढ़कर एक शो दिखाए गए थे, जिन्हें दर्शकों ने काफी पसंद किया था, लेकिन आपको बता दें, इन्हीं शो में से एक शो ऐसा था, जिसके डायरेक्टर को जान से मारने की धमकियां मिलती थी. बता दें, यह शो किसी प्रेम कहानी पर आधारित नहीं था, बल्कि इस शो में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के दर्द को दर्शाया गया था. जैसे ही यह शो टेलीकास्ट हुआ, उसके बाद खूब बवाल मचा और बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस शो की स्क्रीनिंग को रोकने का आदेश दिया. यही नहीं उस दौरान आए दिन इस शो के डायरेक्टर को जान से मारने की धमकियां मिलती थी.

जानें- क्या था शो का नाम

साल 1988 में टेलिकास्ट हुए इस शो का नाम 'तमस' था. जिसका डायरेक्शन गोविंद निहलानी ने किया था. आपको बता दें, ये शो 6 पार्ट की एक मिनी सीरीज थी. जिसमें 1947 में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान हुए दंगों के बारे में बताया गया था. इस शो की कहानी तमस नाम हिंदी नॉवेल पर आधारित थी, जिसे भीष्म साहनी ने लिखा था.

शो में दिखाई गई प्रवासी सिख और हिन्दू परिवार की कहानी

'तमस' नाम के इस शो में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद भारत आए प्रवासी सिख और हिन्दू परिवारों की कहानियां दर्शाई गई थी, जिसमें दिखाया गया था कि उन्हें उस दौरान किन- किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा था और क्या- क्या अत्याचार सहे थे.

शो बनाने से डर रहे थे डायरेक्टर

इस शो के टेलिकास्ट के बाद डायरेक्टर गोविंद निहलानी को जान से मारने की धमकियां मिलने लग गई थी, लेकिन कहीं न कहीं उन्हें इस बात का आभास था. एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, कि शुरुआत में जब इस शो की कहानी उनके पास आई थी, वह इसे बनाने से कतरा रहे थे, उन्हें डर था कि दर्शक इस शो को हिन्दुओं के खिलाफ न समझ बैठे और इस पर बैन न लग जाए. हालांकि गोविंद निहलानी ने इन सभी बातों को दरकिनार करते हुए, इस शो का डायरेक्शन किया.

आपको बता दें, गोविंद निहलानी ने कहा था कि वह इस कहानी पर फिल्म भी बनाने की सोच रहे थे, लेकिन बजट कम होने के कारण सीरियल बनाने का फैसला किया गया था.

इन तीन सीन्स पर मचा था बवाल

तमस सीरियल की कहानी दमदार थी, लेकिन तीन ऐसे सीन थे, जिसने इस शो को रोकने पर मजबूर कर दिया था. आपको बता दें,  'तमस' के ओपनिंग सीन नाथूराम के हिंदू कैरेक्टर, जिसे ओम पुरी ने निभाया था, उसे एक ठेकेदार धोखे से एक सुअर को मारने के लिए मजबूर कर देता है. जिसके बाद मरे हुए सूअर को  मस्जिद की सीढ़ियों पर छोड़ दिया जाता है. एक और सीन था, जिसमें एक मरे हुए जानवर को पूजा स्थल के बाहर ऐसे ही छोड़ दिया जाता है.  बता दें, दर्शकों ने इस पर भी खूब बवाल मचाया था. वहीं एक सीन में हिंदू लड़का एक मुसलमान को मार देता है, जो परफ्यूम बेचने का काम करता था. इस सीन ने भी इस शो को कोर्ट में घसीटने का काम किया था, जिसे लेकर अच्छा खासा विवाद खड़ा कर हो गया था.

2 महीने तक पुलिस की सुरक्षा में रहे थे डायरेक्टर

जब 'तमस' सीरियल टेलीकास्ट हुआ तो  गोविंद निहलानी को जान से मारने की धमकियां मिलने लगी थी, जिसके चलते उन्हें 2 महीने तक पुलिस सुरक्षा दी गई. यही नहीं सीरियल की स्क्रीनिंग पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने  रोक लगाने के लिए स्टे ऑर्डर पास कर दिया था, हालांकि कुछ दिन बाद सुप्रीम कोर्ट (SC) ने इसे रद्द कर दिया था.

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तमस सीरियल के इन बड़े सितारों ने किया था काम

'तमस' सीरियल के ओम पुरी, दीपा साही, अमरीश पुरी, भीष्म साहनी, ए.के. हंगल, मनोहर सिंह, दीना पाठक और सईद जाफरी ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थी.

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