महज 6 साल की उम्र में पुरी से भुवनेश्वर तक 65 किलोमीटर दौड़कर सुर्खियों में आया था बुधिया
भुवनेश्वर:
भुवनेश्वर में सरकारी स्पोर्ट्स हॉस्टल में लौटने को अनिच्छुक चमत्कारी बाल मैराथन बुधिया सिंह ने अपने कथित अपहरण के मामले के सिलसिले में पुलिस और बाल कल्याण समिति के सामने अपना बयान दर्ज कराया।
पुलिस आयुक्त वाई बी खुरानिया ने संवाददताओं को बताया कि महीने भर की गुमशुदगी के बाद बुधवार रात मुंबई से लौटे बुधिया सिंह और उसकी मां सुकांती सिंह का बयान पुलिस ने दर्ज किया। खुरानिया ने बताया कि बयान सीआरपीसी की धारा 161 के तहत दर्ज किए गए हैं। लड़के का बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत भी दर्ज किया जाएगा।
इससे पहले खुर्दा की बाल कल्याण समिति ने नयापप्पली थाने में शिकायत दर्ज करायी थी कि बुधिया का अपहरण हो गया। हालांकि लौटने के बाद बुधिया ने बताया कि वह अपनी मां के साथ तमिलनाडु के कोडईकनाल गया था, जहां से दोनों मुंबई गए और फिर भुवनेश्वर लौटे।
बुधिया सिंह तब सुखिर्यों में आया था, जब उसने महज छह साल की उम्र में पुरी से भुवनेश्वर तक 65 किलोमीटर की दूरी एकबार में दौड़ कर पूरी की। इसी बीच बुधिया ने कहा कि छात्रावास में उसे जेल जैसा महसूस होता है।
वह वर्ष 2007 से इस छात्रावास में रह रहा था, क्योंकि उससे पहले बाल अधिकार संगठनों ने आरोप लगाया था कि बुधिया का शोषण किया गया। बुधिया इस गर्मी में 7 मई को छात्रावास से निकला था, लेकिन वह वापस नहीं लौटा। अब पंद्रह साल के हो गए बुधिया ने दावा किया कि उसे छात्रावास में जरूरत के हिसाब से ट्रनिंग नहीं मिल रही थी। वहीं बुधिया की मां सुकांती सिंह ने कहा, 'वह खेलकूद छात्रावास में नहीं रहेगा।' उसने कहा कि वह चाहती है कि वह किसी निजी स्थान में रहे जहां उसे उचित प्रशिक्षण मिल सके।
बुधिया का यह आरोप भी है कि उसे 100 मीटर, 200 मीटर रेस का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि उसकी रुचि लंबी दौड़ में है। खेलकूद छात्रावास प्रभारी रूपानीतवा पांडा ने बुधिया के आरोपों का खंडन किया और कहा , 'मैं नहीं समझता कि छात्रावास में रहने वाले जेल जैसा महसूस करते हैं।'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पुलिस आयुक्त वाई बी खुरानिया ने संवाददताओं को बताया कि महीने भर की गुमशुदगी के बाद बुधवार रात मुंबई से लौटे बुधिया सिंह और उसकी मां सुकांती सिंह का बयान पुलिस ने दर्ज किया। खुरानिया ने बताया कि बयान सीआरपीसी की धारा 161 के तहत दर्ज किए गए हैं। लड़के का बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत भी दर्ज किया जाएगा।
इससे पहले खुर्दा की बाल कल्याण समिति ने नयापप्पली थाने में शिकायत दर्ज करायी थी कि बुधिया का अपहरण हो गया। हालांकि लौटने के बाद बुधिया ने बताया कि वह अपनी मां के साथ तमिलनाडु के कोडईकनाल गया था, जहां से दोनों मुंबई गए और फिर भुवनेश्वर लौटे।
बुधिया सिंह तब सुखिर्यों में आया था, जब उसने महज छह साल की उम्र में पुरी से भुवनेश्वर तक 65 किलोमीटर की दूरी एकबार में दौड़ कर पूरी की। इसी बीच बुधिया ने कहा कि छात्रावास में उसे जेल जैसा महसूस होता है।
वह वर्ष 2007 से इस छात्रावास में रह रहा था, क्योंकि उससे पहले बाल अधिकार संगठनों ने आरोप लगाया था कि बुधिया का शोषण किया गया। बुधिया इस गर्मी में 7 मई को छात्रावास से निकला था, लेकिन वह वापस नहीं लौटा। अब पंद्रह साल के हो गए बुधिया ने दावा किया कि उसे छात्रावास में जरूरत के हिसाब से ट्रनिंग नहीं मिल रही थी। वहीं बुधिया की मां सुकांती सिंह ने कहा, 'वह खेलकूद छात्रावास में नहीं रहेगा।' उसने कहा कि वह चाहती है कि वह किसी निजी स्थान में रहे जहां उसे उचित प्रशिक्षण मिल सके।
बुधिया का यह आरोप भी है कि उसे 100 मीटर, 200 मीटर रेस का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि उसकी रुचि लंबी दौड़ में है। खेलकूद छात्रावास प्रभारी रूपानीतवा पांडा ने बुधिया के आरोपों का खंडन किया और कहा , 'मैं नहीं समझता कि छात्रावास में रहने वाले जेल जैसा महसूस करते हैं।'
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